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आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार कर रहा कान्हावाडी ,आएंगे विदेशी पर्यटक ,जड़ी बूटी के लिए देशभर में विख्यात

 आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार कर रहा कान्हावाडी आएंगे विदेशी पर्यटक ,जड़ी बूटी के लिए देशभर में विख्यात 






घोड़ाडोंगरी। (गणतंत्र वार्ता)बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील की ग्राम पंचायत कान्हावाडी आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप से साकार कर रही है । इस ग्राम पंचायत के पिपरी और कान्हावाडी गांव दुग्ध उत्पादन के रूप में जाना जाता है । वहीं सीताखेड़ा और वनग्राम अर्जुनगोंधी घी उत्पादन के लिए जाना जाता है । पशुपालन विभाग के अनुसार ग्राम पंचायत में 1367 गाय 538 भैंस और 471 बकरियां हैं ।यहां के लोगों के जीवन यापन का मुख्य स्रोत दूध उत्पादन और खेती है ।यहां के पटवारी के अनुसार ग्राम पंचायत क्षेत्र में 1500 रकबे हैं जिनमें से 1400 में रबी की गेहूं चना सरसों की गन्ने की फसल बोई गई ।


लोगों के अनुसार पहले इस क्षेत्र में केवल बारिश के भरोसे खेती होती थी। लेकिन अब स्थिति यह है कि गर्मी के दिनों में भी लोग मूंग और मक्के सहित अन्य तरह की फसले ले रहे हैं।


 सिंचाई के क्षेत्र में हुए काम 


शासन की योजनाओं में 15 छोटे तालाब पांच बड़े तालाब 30 चेक डैम 20 स्टॉप डैम ग्राम पंचायत क्षेत्र में बने हैं । जिससे बारिश का पानी गांव में ही रोका जा रहा है ।


योजनाओं का मिल रहा लाभ


 प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 174 परिवारों को लाभ मिला है । 500 शौचालय बने हैं ।पेयजल के लिए 56 हेडपंप पीने का पानी उपलब्ध करा रहे हैं 123 कपिलधारा कूप किसानों के खेतों में बनाए गए हैं। आपसी चर्चा के लिए 25 चौपाल का निर्माण भी हुआ है ।


आएंगे विदेशी पर्यटक 


पर्यटन विभाग द्वारा ग्राम पंचायत कान्हावाडी में 25 होमस्टे बनाने के प्रकरण तैयार किए गए हैं । मिट्टी के 25 होम स्टे बनने से लोगों के रोजगार के साधन बढ़ेंगे और विदेशी पर्यटक भी यहां आकर रहेंगे।


 जड़ी बूटी के लिए है विख्यात


 कान्हावाडी गांव कैंसर की जड़ी बूटी के लिए देशभर में जाना जाता है ।पूरे देश से लोग यहां कैंसर सहित अन्य बीमारियों के उपचार के लिए दवा जड़ी बूटी लेने आते हैं । बाबूलाल भगत बरसों से लोगों को निशुल्क दवाई देते आ रहे हैं । कई बड़ी हस्तियां भी यहां पर दवा लेने आ चुकी है हाल ही में स्त्री 2 फिल्म की साइड हीरोइन भी यहां पर दवा लेने आई थी।


जंगली पशुओं की आश्रय स्थली 


वन संपदा से भरपूर कान्हावाडी क्षेत्र जंगली पशु भालू सांभर हिरण खरगोश मोर साही जैसे अन्य जंगली पशु पक्षियों के लिए आश्रय स्थल भी है ।यहां के जंगलों में यह बेखौफ विचरण करते हैं । वनग्राम अर्जुनगोंधी में रात में सड़क पार करते वाहन चालकों को इन पशु पक्षी के दीदार हो जाते हैं। यहां का जटाशंकर महादेव और अर्जुनगोंधी के हनुमान जी क्षेत्र का प्रमुख श्रद्धा केंद्र एवम पिकनिक स्पॉट के रूप में भी जाना जाता है।


नक्षत्र वाटिका ने दिलाई पहचान


 कान्हावाडी अपने अनूठे जड़ी बूटी के साथ ही नक्षत्र वाटिका के कारण प्रदेश घर में जानी जाती है

  यहां पंचायत द्वारा बनाई गई नक्षत्र वाटिका में 12 राशि 9 ग्रह 27 नक्षत्र कुल 48 प्रकार के पौधे और पांच प्रकार की तुलसी वाटिका के कारण भी जानी जाती है । जहां आसपास के लोग स्वास्थ्य लाभ लेने और एक्यूप्रेशर का लाभ उठाने के लिए सुबह शाम घूमने के लिए आते हैं ।


9 लाख का बाटा बोनस 


हाल ही में पंचायत द्वारा तेंदूपत्ता संग्रह का 9 लाख का बोनस का वितरण किया गया। 


तरक्की की राह पर बढ़ रहा आगे 


यह गांव आधुनिक खेती की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है । यहां पर किसानों के पास लगभग 40 से अधिक ट्रैक्टर हैं और यहां के आदिवासी नेता नरेंद्र उइके ने हाल ही में भोपाल मैं मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित जनजाति देवलोक महोत्सव को सम्बोधित कर कान्हावाडी को प्रदेश स्तर पर नाम रोशन किया।


टेकड़ी पर किया पौधारोपण 


जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत टेकड़ी पर जल संरचनाओं के निर्माण और पौधारोपण में सैकड़ों ग्रामीणो ने श्रमदान किया। पानी सहेजने के लिए बनाएं गए तालाब तालाब निर्माण और बोरी बंधन के लिए किए जाने वाले कार्यों के लिए ग्राम पंचायत को एक अलग ही पहचान मिली है । वर्षा का जल सहेजने के लिए ग्राम पंचायत अभी से जुटी हुई है और कई तालाब बनाए गए हैं।


गांव की खुशहाली के लिये यज्ञ


सामाजिक और धार्मिक आयोजन में ग्रामीण हमेशा आगे रहते है। गांव की खुशहाली के लिये ग्रामीणों के सहयोग गायत्री परिवार द्वारा अप्रेल में 5 कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया।



ग्राम पंचायत की सरपंच कस्तूरी नरेंद्र उइके का कहना है कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके ससुर जो 25 वर्षों तक सरपंच रहे उनकी भैयालाल उइके की प्रमुख भूमिका रही । लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए गाय भैंस पालकर दुग्ध उत्पादन के लिए प्रेरित किया और खेती के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई के साधन उपलब्ध कराये। उन्हीं के पद चिन्हों पर चलकर वे भी लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास कर रही है।

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