वाणी श्रीवास्तव का दीक्षांत समारोह सम्पन्न
यह डिग्री केवल मेरी नहीं, पूरे परिवार की उपलब्धि है": डॉ. वाणी
बैतूल। (गणतंत्र वार्ता)श्याम शाह मेडिकल कॉलेज, रीवा की 2019 बैच की छात्रा डॉ. वाणी श्रीवास्तव ने अपने MBBS पाठ्यक्रम की सफलता पूर्वक पूर्णता के बाद 12 अप्रैल 2025 को आयोजित दीक्षांत समारोह में भाग लेकर अपनी उपलब्धि को अपने परिवार के चरणों में समर्पित कर भावुक कर देने वाला उदाहरण प्रस्तुत किया।
डॉ. वाणी बैतूल निवासी श्री नवीन श्रीवास्तव (जनरल मैनेजर, जिविशा हर्बल) एवं श्रीमती अलका श्रीवास्तव की सुपुत्री तथा
नवनीता -मुकेश गुमास्ता स्टेनो कलेक्टर बैतूल, प्रवीण श्रीवास्तव एडवोकेट, सुवीण श्रीवास्तव चेयरमैन आयाम एवम अभिषेक श्रीवास्तव वरिष्ठ जर्नालिस्ट की भतीजी हैं.। उनकी इस उपलब्धि पर समस्त गुरुकृपा परिवार गौरवान्वित है।
दीक्षांत समारोह में डिग्री ग्रहण करते हुए डॉ. वाणी ने कहा —
यह डिग्री मैंने नहीं, 'हमने' प्राप्त की है...
हां माना रात भर पढ़ा तो मेने, पर आखें तो आपकी भी नहीं सोई
उसदिन खुश थे हम सभी बहुत, मगर आखें आपकी खूब रोई..
उनके इस उद्गार ने वहाँ उपस्थित परिजनों को गहरे भाव में डुबो दिया और समारोह एक पारिवारिक उत्सव में परिवर्तित हो गया।
--राजसी आयोजन बना स्मृति का उत्सव--
इस विशेष अवसर को अविस्मरणीय बनाने के लिए डॉ. वाणी ने दीक्षांत से एक दिन पूर्व, रीवा के Namah Resort में एक भव्य पारिवारिक डिनर एवं पूल पार्टी का आयोजन किया, जो केवल परिवार के लिए आरक्षित था। इस आयोजन ने पूरे परिवार को हर्ष और गर्व के मधुर क्षणों में डुबो दिया। कार्यक्रम में बच्चों से लेकर वरिष्ठजनों तक सभी ने आत्मीयता और आनंद के साथ सहभागिता की।
--साहस का प्रतीक बने छोटे भाई अभिषेक--
परिवार के छोटे भाई श्री अभिषेक, जो कुछ समय पूर्व एक सड़क दुर्घटना के शिकार हुए थे, उनके समारोह में सक्रिय रूप से उपस्थित रहने और हर क्षण को पूरे उत्साह से जीने ने सभी को भावविभोर कर दिया। दर्द को दरकिनार कर उनका मुस्कुराना और परिवार के साथ खड़ा रहना, वास्तव में साहस और प्रेम का प्रतीक बन गया।
---एक बेटी, एक डॉक्टर और एक उदाहरण---
डॉ. वाणी की यह सफलता न केवल शैक्षणिक है, बल्कि भावनात्मक और पारिवारिक मूल्यों की दृष्टि से भी अनुकरणीय है। उनका यह कथन — "जहां अन्य छात्र अपने माता-पिता के साथ डिग्री ले रहे थे, मैंने पूरे परिवार के साथ यह उपाधि प्राप्त की..." उनके विचारों की गहराई और पारिवारिक भावों की सघनता को दर्शाता है। गुरुकृपा परिवार को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि उसकी 'झलक' आज डॉ. वाणी बनकर न केवल चिकित्सकीय क्षेत्र में प्रवेश कर रही है, अपितु भावनात्मक और संस्कारी संवेदनशीलता की मिसाल भी बन रही है।
---बधाई देने वालों ने व्यक्त की शुभकामनाएँ---
डॉ. वाणी को इस उपलब्धि पर कई गणमान्यजन एवं शुभचिंतकों ने अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। प्रमुख रूप से जिविशा परिवार के डायरेक्टर्स आशीष राठौर,
डॉ. वैभव वैद्य एवं विक्रम वैद्य,तथा नरेन्द्र गौतम (असि डायरेक्टर OBC) डॉ. घोरे, डॉ. रानू वर्मा, डॉ. श्याम सोनी,
डॉ सोनवानी, डॉ. सरदार तथा अन्य अनेक चिकित्सक गणों व शुभचिंतकों ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।
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