जल संरक्षण और प्रकृति-संवर्धन के उपायों को अपनाएं: केंद्रीय मंत्री श्री उईके
विश्व पृथ्वी दिवस पर कान्हावाड़ी की पहाड़ी पर जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन
बैतूल। (गणतंत्र वार्ता)पृथ्वी दिवस के अवसर पर बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के ग्राम कान्हावाड़ी में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत एक विशेष श्रम महोत्सव आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जल संरक्षण, जल स्रोतों के पुनर्जीवन और पर्यावरण के प्रति जनजागरूकता फैलाना रहा।
कार्यक्रम में बैतूल जिले की पांच प्रमुख नदियों — ताप्ती, तवा, माचना, वर्धा और पूर्णा — के जल कलश का पूजन कर उन्हें संरक्षित रखने का संकल्प लिया गया। यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा संचालित जल गंगा अभियान की एक प्रेरणादायक कड़ी रही।
इस अवसर पर भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री (जनजातीय मामले) श्री दुर्गादास उइके, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) श्री मोहन नागर , विधायक श्रीमती गंगा सज्जनसिंह उइके, पूर्व संसदीय सचिव श्री रामजीलाल गुरुजी, श्री राजेंद्र मालवीय, श्री दीपक उइके, श्री प्रशांत गावंडे, श्री नरेंद्र उइके (ग्राम पंचायत सरपंच) और श्रीमती प्रिया चौधरी (जिला समन्वयक, जन अभियान परिषद) सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे।
श्री दुर्गादास उइके जी ने कहा, "पृथ्वी ने हमें जीवन दिया है, परंतु आज यह प्रदूषण, प्लास्टिक और जंगलों की कटाई से संकट में है। हमें अपनी पृथ्वी को बचाने के लिए जल संरक्षण और प्रकृति-संवर्धन के उपायों को अपनाना ही होगा।"
विधायक श्रीमती गंगा उइके ने कहा, "हमारा जनजातीय समाज प्रकृति पूजक है, इसलिए हम सभी को धरती और जल के संरक्षण हेतु निरंतर कार्य करना चाहिए। धरती सुरक्षित होगी, तभी हमारा कल सुरक्षित होगा।"
श्री मोहन नागर जी ने बताया कि जल गंगा अभियान 30 मार्च से 30 जून 2025 तक पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है, जिसमें कई सामाजिक संस्थाएं, नव अंकुर समितियाँ और ग्राम विकास समितियाँ सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।कान्हाबाड़ी में जल संरचनाओं के निर्माण हेतु सामूहिक श्रमदान पधारे150 से अधिक श्रमदानियों से प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली अपनाने की अपील की।
कार्यक्रम का संचालन ब्लॉक समन्वयक श्री संतोष राजपूत ने किया और आभार प्रदर्शन ग्राम के आदिवासी नेता श्री नरेंद्र उइके ने किया।
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